Viswas
विश्वास विश्वास क्या होता है विश्वास..... कब करते है किसिपे भरोसा, नही मालूम नही पता करना नही चाहते विश्वास, टूटना नही चाहते फिर एकबार नही पता क्यों करते है विश्वास ? आंखों की सामने होते हुए भी, कोई दिलमें न उतर पाए... और हमसे दूर होके भी, कोई हमसे दूर ना रह पाए न चाहते हुए भी, जिन्देगि में वो खुशिया दे जाते है जिसका शयेद हुम् हक़दार भी ना थे कभी.... हुम् सुक्रगुजर रहेंगे जिन्देगि से जिसने हुमें हरखुसी मुक़म्मल की, हुम् सुक्रगुजर रहेंगे उनसे जिसने हमे इस काबिल समझा, काग़ज की कश्ती से कोई कैसे दरिया पार करे.... तूफ़ान जो दिल मे उठा कोई कैसे नजरअंदाज करे, चाहे दुनिया वाले भले ना समझे, दिल की बात चाहे दिलमे छुपे रहे, बनना चाहे हमदर्द कोई अगर हमे एतराज न होगा हमे इन्तेजार रहेगी उनकी,जिसने सपना दिखाया था कभी जिसने मोहब्बत सिखाये थे कभी, जैसे कमल के पत्तो पे पानी की एक बूंद, वैसे है मोहब्बत पे भरोसा हरवक्त डगमगाये, न चाहते हुए भी, खयाल आने लगे मन में न जाने कब टूट जाए भरोसा हमारा । दूर होके भी दूर रहना सके, पास आके भी दूर न जा पाए हुम् ई क्यासी है उलझने मेरी, जो सुलझ के भी न...