NIGAHO KI JUWA


निगाहों की जुबां

निगाहें ये निगाहें मेरे, ढूंढे तुम्हें मंजिल तक
ना कोई खबर ना कोई पता, कहां है मंजिले....
फिरभी बेचैन निगाहें मेरी ढूंढे तुम्हे मंजिल तक
दिल बेचैन हो, खामोश जुबां लफ़्ज़ों में सूनापन,
दिलों से दिलों तक बातें होती है निगाहों से
न जाने वह केसा पल हो, जब जुबां खामोश हो, दिलकश
नज़ारे हो, और मोहब्बोतें जवां हो,
न जाने वो कौनसी पल हो, जॉब दो दिल की दास्तां बयान
करता खामोशियां हो,
हमे इन्तेजार रहेगा उस पल का, जब जुबां खामोश
और दिलों ने बयां करे मोहब्बते दस्ता हो।
दास्तां दिलो की कुर्वाने मोहब्बते हो
काल न हम होंगे न तुम, फिरभी मोहब्बतें बया करेगा दास्तां
निगाहें ये निगाहें मेरी, ढूंढे तुम्हे मंजिल तक
तुम्हें मुबारक जिन्दगी हो, भले मेरा नसीब मौत हो। जिन्दगी वो जिंदगी क्या,जहां इश्क में बैचैन एक दिल न हो
जिंदगी वो जिंदगी क्या, जहाँ तुम्हारा मोहब्बत ना हो।
कुछ पाने की इच्छा तूमहे हरवक्त जिंदा रखता हो
कुछ खोने का डर, तुम्हे हरवक्त बेचैन करता हो।
यही इश्क है, जो हमे हरवक्त जिंदा राखता हो
चाहे खुशियां, चाहे गम, तुम न मुह फेरना कभी
साथ तुम्हारा तो  जिन्देगी हो आसान मेरा।
न कोई गम न कोई तकलीफ़े, चाहे आये हज़ार मुसीबतेँ
हँसके सब सह लेंगे हम फिर एकबार .......
निगाहें ये निगाहें मेरी, ढूंदेंगे तुम्हे मंजिल तक।


शुक्रिया,,,,,,शुभरात्रि।

Comments

  1. HAi... i don't know hindi , please any english sources available????

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  2. Hii...You can check out few english post in my blog...thanks

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